Cow Science
Drinking chilled water is injurious to your health
पानी का तापमान शरीर के तापमान से न अधिक गर्म और न ही अधिक ठंडा होना
चाहिए| जब आप ठंडा पानी पीते हैं, खासकर फ्रिज का, तो वह पेट का तापमान गिरा देता
है| अमाशय को फिर से संतुलन में लाने के लिए रक्त का बहाव पेट की ओर बढ़ेगा ताकि
उसका तापमान बढ़ाया जा सके| चूँकि आपके शरीर में खून की भी एक मात्रा है इसीलिए
शरीर में कहीं अगर सप्लाई ज्यादा होगी तो शरीर के दूसरे अंगों में सप्लाई अवश्य कम
होगी जिस वजह से उन अंगों में oxygen की कमी हो जाएगी| यही कारण है कि बार-बार
इतना ठंडा पानी पीते रहने से चक्कर आना, heart attack, paralysis, brain haemorage
आदि रोग हो जाते हैं| पानी हमेशा गुनगुना पीना चाहिए जो शरीर के तापमान के अनुसार
हो| यदि संभव न हो सके तो मिट्टी के घड़े का पानी पीएं जो कमरे के तापमान से २-३
डिग्री ही कम होता है| इसीलिए आइसक्रीम भी न खाएं क्योंकि जो असर ठंडे पानी के लिए
कहा गया है, वही असर आइसक्रीम का भी होता है|